Friday 6 November 2015

87) मिल गया कैंसर का इलाज!

कैंसर यूं तो सबसे घातक रोगों में से एक माना जाता है और उसमें अग्नाशय (पैंक्रियाटिक) कैंसर को तो पूरी दुनिया में सबसे खतरनाक कैंसरों में एक माना जाता है क्योंकि अब तक इसका शल्य चिकित्सा (सर्जरी) से इलाज संभव नहीं था। आमतौर पर अग्नाशय कैंसर का पता 50 वर्ष की उम्र के बाद ही चल पाता है और तब तक कैंसर इतना फैल चुका होता है कि ट्यूमर को निकालना मुश्किल हो जाता है। हाल ही में अमेरिका के न्यू मेक्सिको विश्वविद्यालय के समेकित कैंसर केंद्र में एक ऐसी सर्जरी का परीक्षण किया गया है जिसकी मदद से अग्नाशय के ट्यूमर को निकाला जाना संभव हो सकेगा । इससे इस जानलेवा बीमारी के पीडितों को बड़ी मदद  मिलेगी।
 
विश्वविद्यालय के समेकित कैसर केन्द्र के प्रबंध निदेशक इत्जाक नीर के मुताबिक अग्नाशय कैंसर के ट्यूमर को सर्जरी के जरिये बाहर निकालना ही पीडित को बचाने का एक मात्र तरीका है। डा. नीर जिगर, अग्न्याशय और पाचन तंत्र से सम्बंधित अन्य अंगों के कैंसर के विशेषज्ञ है। उन्होंने कहा कि सिर्फ 20 प्रतिशत मरीजों की ही सर्जरी संभव हो पाती है जोकि इस कैंसर से पीडित व्यक्ति को बचने का एक मात्र उपाय है। सर्जरी नहीं कराने वाले पांच प्रतिशत से कम ही लोग पांच साल या उससे अधिक जीवित रह पाते है। 

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