मसदर सिटी, अबू धाबी
अबू धाबी के पास बन रहा मसदर सपनों का शहर बनने की तरफ तेजी से कदम बढ़ा रहा है। यह एक ऐसा शहर होगा, जहां कार्बन उगलने वाली कार नहीं होगी, एक ऐसा शहर जो रेगिस्तान के बीच सूरज की तेज गर्मी से लड़ेगा। इस शहर में न तो कूड़ा होगा और न ही किसी तरह का धुआं। यहां बिना ड्राइवर की गाड़ियों में सैर की जा सकेगी। शहर में ऊर्जा सिर्फ रिन्यूएबल एनर्जी से ली जाएगी और इसके लिए 54 एकड़ में 88 हजार सोलर पैनल लगाए गए हैं। शहर में पहले चरण का काम पूरा हो गया है। 2015 के अंत तक यहां 7 हजार लोगों के लिए घर तैयार हो जाएंगे।
मेडलिन
कोलंबिया का यह शहर मेडलिन कभी दुनिया में सबसे ज्यादा आपराधिक वारदातों वाला शहर हुआ करता था। लेकिन आज यह अपनी अनूठी व्यवस्था के कारण जाना जाता है। यहां के निवासी इधर से उधर आने-जाने के लिए रोप-वे का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा जगह-जगह विशाल एस्केलेटर्स लगाए गए हैं। इससे पहले जहां आने-जाने में घंटों लग जाते थे, अब वहां मिनटों में काम हो जाता है।
वैंकूवर
कनाडा के वैंकूवर शहर को वर्ष 2020 तक दुनिया का ग्रीनेस्ट सिटी बनाने का लक्ष्य है। यह शहर ऊर्जा रिन्युएबल एनर्जी का इस्तेमाल करता है। यहां करीब 75 फीसदी बिजली की सप्लाई रिन्युएबल एनर्जी के जरिए की जाती है। शहर ने अपनी पानी की जरूरत को 20 फीसदी तक घटा लिया है। इसके अलावा 41 फीसदी लोग या तो पैदल चलते हैं या फिर साइकिल पर।
रियो डी जेनेरियो
ब्राजील का सबसे बड़ा शहर रियो में मौसम की भविष्यवाणी का ऐसा सिस्टम लागू किया गया है कि वहां एक-एक किलोमीटर के फासले पर अगर मौसम बदलता है तो नागरिकों को उनके स्मार्ट फोन पर जानकारी मिल जाती है। साथ ही स्थानीय अधिकारी भी सचेत हो जाते हैं कि कहां बारिश हो सकती है। इस तरह का वेदर प्रेडिक्शन सिस्टम अपनाने वाला दुनिया का पहला शहर है।
लंदन
ईस्ट लंदन के एक डेटा सेंटर से प्रोजेक्ट टेलीहाउस की शुरुआत की गई है। इसके तहत वेस्ट को रीसाइकिल करके ऊष्मा उत्पन्न की जाती है, जिसका फायदा आसपास के लगभग 90 हजार घरों को मिलता है। टेलीहाउस बिल्डिंग के कूलिंग सिस्टम के जरिए इस ऊष्मा को एक्सपोर्ट किया जाता है, जिसका उपयोग लोग पानी गर्म करने या हीटिंग से जुड़े अन्य कार्यों के लिए कर सकते हैं।
कोपेनहेगन
यूरोपीय देश डेनमार्क की कोपेनहेगन सिटी दुनिया की सबसे अधिक साइकिल फ्रेंडली सिटी है। यहां की कुल आबादी करीब छह लाख है, जिसमें से एक तिहाई लोगों के परिवहन का मुख्य साधन साइकिल है। यहां साइकिल को बढ़ावा देने के लिए खास रास्ते बनाए गए हैं। इन्हें ग्रीन-वे कहा जाता है। परिवहन के अन्य साधनों के लिए यहां अलग रोड हैं। यहां 10 मील का पहला साइकिल हाइवे भी बन रहा है। गौरतलब है कि पूरे डेनमार्क में साइकिल रूट्स का नेटवर्क करीब 7000 किमी में फैला हुआ है।
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