Saturday 25 April 2015

52).Out Of Stock .....


दुनिया के सबसे महंगे मैटेरियल की कीमत सुनकर आप दंग रह जाएंगे। शायद कुछ लोगों ने तो इसका नाम भी न सुना हो। दुनिया का सबसे महंगी कमोडिटी एंटीमैटर है। एंटीमैटर के एक ग्राम की कीमत 6.25 लाख करोड़ डॉलर है, यानि भारतीय रुपए में इसकी वैल्यु 393.75 लाख करोड़ रुपए है।
क्या है खासियत
1 ग्राम एंटीमैटर को बेचकर विश्व के कई 100 छोटे देशों को खरीदे जा सकते हैं। 1 ग्राम एंटीमैटर की कीमत 393.75 लाख करोड़ रुपए है। नासा के मुताबिक, एंटीमैटर धरती का सबसे महंगा मैटेरियल है। एंटीमैटर जहां बनता है, वहां पर विश्व की सबसे बेहतरीन सुरक्षा व्यवस्था मौजूद है। इतना ही नहीं नासा जैसे संस्थानों में भी इसे रखने के लिए एक पुख्ता सुरक्षा घेरा है। कुछ खास लोगों के अलावा एंटीमैटर तक कोई भी नहीं पहुंच सकता है। दिलचस्प है कि एंटीमैटर का इस्तेमाल अंतरिक्ष में दूसरे ग्रहों पर जाने वाले विमानों में ईधन की तरह किया जा सकता है।
1. एंटीमैटर
एंटीमैटर को इसलिए सबसे महंगा माना जाता है, क्योंकि इसको बनाने वाली टेक्नोलॉजी विश्व में सबसे ज्यादा एक्पेंसिव है। 1 मिलिग्राम एंटीमैटर बनाने में 250 लाख रुपए तक लग जाते हैं। इसका इस्तेमाल अस्पतालों और रेडियोधर्मी अणुओं को पॉजिट्रान एमिशन टोमोग्राफी के रूप में मेडिकल इमेजिंग में होता है। इसका इस्तेमाल परमाणु हथियारों में भी किया जाता है।



2. कैलिफोरियम(Californium)
इसकी खोज 1950 में अमेरिका के कैलिफोर्निया में हुई थी। इसकी कीमत करीब 170.91 करोड़ रुपए प्रति ग्राम है। कैलिफोरियम न्यूट्रॉन का एक अच्छा स्त्रोत है, जिसका इस्तेमाल न्यूक्लियर रिएक्टर में किया जाता है। ये एक टार्गेट मटेरियल भी है, जो की ट्रांसकैलिफोरियम धातु के उत्पादन में इस्तेमाल होता है। कैलिफोरियम-252 का इस्तेमाल सरवाईकल कैंसर के इलाज में भी होता है।

3. हीरा(Diamond)

हीरा पृथ्वी का एक दुर्लभ रत्न है। इसका मुख्यतः इस्तेमाल आभूषणों में किया जाता है। एक आंकलन के अनुसार कुछ हीरे 3.2 अरब साल पुराने हैं। इसकी कीमत 34.81 लाख रुपए प्रति ग्राम है। हमेशा हीरे की पहचान गहनों से होती है। यह रत्न अपनी चमक और खूबसूरत डिजाइन के लिए लोकप्रिय है। वहीं, कई लोग इससे एक आर्थिक शक्ति रुप में देखते है।




4. ट्रिटियम(Tritium)

ट्रिटियम विश्व की चौथी सबसे महंगी कमोडिटी में है। एक ग्राम ट्रिटियम की कीमत 18.9 लाख रुपए है। इसका इस्तेमाल मुख्यतः महंगी घड़ियों के निर्माण, दवा और रेडियो थेरपी में किया जाता है। वैज्ञानिक कहते है कि कॉस्मिक रेडिशन, संयुक्त ड्यूटेरियम या नाइट्रोजन परमाणु से मिलता है तो दो अतिरिक्त नूट्रोंस और हाइड्रोजन न्यूक्लियस के उत्पादन के साथ ट्रिटियम का निर्माण होता है।

5. टैफिट स्टोन(Taaffeite Stone)
टैफिट स्टोन की पहचान एक रत्न के रूप में की गई है। यह दुर्लभ रत्न लाल और बैंगनी रंग का होता है। इस अविश्वसनीय पत्थर की कीमत 12.6 लाख रुपए प्रति ग्राम है। ये हीरे के मुकाबले काफी मुलायम होता है। इसीलिए इसका इस्तेमाल सिर्फ एक रत्न के रूप में किया जाता है।






6. पायनाइट
पायनाइट की खोज म्यांमार में 1950 में हुई थी। यह एक दुर्लभ कमोडिटी है जो की लाल, गुलाबी और भूरे रंग का होता है। पायनाइट दुनिया में सबसे कम मिलने वाली कमोडिटी है। इसकी कीमत 5.9 लाख रुपए प्रति ग्राम है। इसका इस्तेमाल सिर्फ गहनों में ही किया जाता है।



7. प्लूथोनियम

प्लूथोनियम का इस्तेमाल परमाणु ऊर्जा सयन्त्रों और अंतरिक्ष यानों में किया जाता है। प्राकृतिक प्रतिक्रियाओं के माध्यम से इस तत्व का अस्तित्व में आना मुश्किल है। प्लूथोनियम को यूरेनियम से अलग करके निकाला जाता है। इसकी कीमत 2.5 लाख रुपए प्रति ग्राम है।

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