Tuesday, 28 April 2015

54.)Farmer ,who earn 10 to 15 million in each year.

रायसेन. प्राकृतिक आपदा की लगातार चपेट में आ रही गेहूं-चने जैसी पारंपरिक फसलों के बजाए किसान अब वैकल्पिक फसलों पर ध्यान दे रहे हैं। उनके यह प्रयास अब रंग दिखाने लगे हैं। बाड़ी तहसील के करीब 20 गांवों के सैकडों किसान लाखों रुपए के टमाटर की बंपर पैदावार कर दूसरे किसानों को नई राह दिखाई है। 
यही नहीं जबर्दस्त मार्केटिंग की वजह से मप्र सहित दिल्ली, यूपी, महाराष्ट्र और हरियाणा के व्यापारी सीधे उनके खेतों से ही टमाटर खरीद रहे हैं। रोजाना यहां से करीब 7 लाख रुपए का 10-12 ट्रक टमाटर बाहर भेजा जा रहा है। धीरे-धीरे यह क्षेत्र टमाटर मंडी के रूप में मशहूर हो रहा है। यहां के किसान हर सीजन में 10 से 15 लाख रुपए तक मुनाफा कमा रहे हैं।  
जिले के किसान भगवत सिंह ठाकुर ने 15 साल पहले तीन एकड़ में टमाटर लगाने की शुरुआत की। जब अच्छी पैदावार मिली तो आसपास के किसानों की दिलचस्पी बढ़ी। सरकारी योजना पर किसानों ने इजरायल और हाॅलैंड जाकर टमाटर की उन्नत खेती की तकनीक समझी। इसके बाद सब कुछ बदल गया। अब काछीपुर, केवलाझार, समनापुर, भैंसाया, नानपोन, दिघवाड़ा, चंदवार जैसे 20 गांवों के 4 हजार एकड़ जमीन पर टमाटर की पैदावार हो रही है।
अन्य प्रदेशों में मार्केटिंग होने से बाहर के व्यापारी गांव आकर ही माल खरीद रहे हैं। इससे किसानों का मालभाड़ा बचा, मुनाफा बढ़ा और परेशानी भी काफी कम हो गई। व्यापारियों की मांग पर यहां के किसान टमाटर की खास किस्में भी लगा रहे हैं। कृषि विभाग के उप संचालक जेपी गुप्ता कहते हैं किसानों के प्रयासों से बाड़ी क्षेत्र टमाटर की मंडी बन गया है।  
जनवरी से मई तक लगातार टमाटर की पैदावार मिलती है। सामान्य स्थिति में एक एकड़ में करीब 300 से 500 क्विंटल तक टमाटर निकलता है। यह औसतन 5 से 30 रुपए किलो तक बिकता जाता है। यानी एक बार में प्रति एकड़ करीब 15 हजार रुपए की पैदावार होती है।

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