ग्लोबल हंगर इंडेक्स में इंडिया ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है। यह 63वीं पोजीशन से अब 53वें पायदान पर आ गया है। हालांकि भूख के खिलाफ जंग एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। बच्चों में कुपोषण और उनकी मृत्यु दर का लेवल चिंताजनक रूप से ऊंचा बना हुआ है। हंसा वेंकटेश्वरन डाल रही हैं आंकड़ों पर रोशनी...
कुछ प्रमुख तथ्य...
आबादी के छठे हिस्से को पर्याप्त पोषक पदार्थ नहीं मिल पाते।
19 करोड़ लोग भारत में रोज भूखे पेट रहने को मजबूर हैं।
30.7% बच्चे (5 साल से कम उम्र के) भारत में अंडरवेट हैं।
58% बच्चों की ग्रोथ इंडिया में 2 साल से कम उम्र में रुक जाती है।
4 में से हर एक बच्चा भारत में कुपोषण का शिकार है।
3,000 बच्चे इंडिया में कुपोषण से पैदा होने वाली बीमारियों के कारण रोज मरते हैं
24% दुनियाभर में 5 साल से कम उम्र में मरने वाले बच्चों में भारत का हिस्सा।
30% नवजात शिशुओं की मौत भारत में होती है।
भारत में भूख, कुपोषण की वजह
40% फल-सब्जियां और 20% अनाज खराब सप्लाई चेन के कारण बर्बाद हो जाता है और कंज्यूमर्स तक नहीं पहुंच पाता। बीपीएल परिवार खाने-पीने पर 70% रकम खर्च करते हैं।
एपीएल परिवारों की ओर से खाने-पीने पर खर्च होने वाली रकम 50% है।
शहरी वर्किंग क्लास 30% खाने-पीने पर खर्च करता है।
जीडीपी में खेती-बाड़ी का योगदान 2013 में 13.7% है।
भारत में कृषि क्षेत्र में 50% फीसदी लोग कार्यरत हैं।
वैश्विक आंकड़े
दुनिया के बेहद गरीब लोगों 64% हिस्सा सिर्फ 5 देशों में रहता है।
20,000 बच्चे दुनियाभर में भूख के कारण रोज मरते हैं।
80% लोग 10 डॉलर प्रतिदिन से कम पर गुजर-बसर करते हैं।
दुनिया में हर नौ में से एक आदमी रोज भूखे पेट सोने को मजबूर।
दुनिया के टॉप 85 अमीर लोगों की कुल संपत्ति 3.5 अरब सबसे गरीब लोगों यानी दुनिया की आधी आबादी की संपत्ति के बराबर।
80.5 करोड़ लोगों को दुनिया में भरपेट खाने को नहीं मिलता।
हर साल एड्स, मलेरिया और टीबी से कुल जितने लोग मरते हैं, उससे ज्यादा लोगों को भूख निगल जाती है।
79.1 करोड़ ऐसे लोग विकासशील देशों में हैं, जिन्हें भरपेट खाना नहीं मिलता।
13.5% विकासशील देशों की आबादी का वह हिस्सा है, जो कुपोषण का शिकार है।
52.6 करोड़ लोग एशिया में आधा पेट खाने को मजबूर।
45% दुनिया में 5 साल से कम उम्र के बच्चों का हिस्सा है, जिसकी कुपोषण से मौत होती है।
20% पांच साल से पहले अंडरवेट बच्चों की मौत के मामले।
कुछ प्रमुख तथ्य...
आबादी के छठे हिस्से को पर्याप्त पोषक पदार्थ नहीं मिल पाते।
19 करोड़ लोग भारत में रोज भूखे पेट रहने को मजबूर हैं।
30.7% बच्चे (5 साल से कम उम्र के) भारत में अंडरवेट हैं।
58% बच्चों की ग्रोथ इंडिया में 2 साल से कम उम्र में रुक जाती है।
4 में से हर एक बच्चा भारत में कुपोषण का शिकार है।
3,000 बच्चे इंडिया में कुपोषण से पैदा होने वाली बीमारियों के कारण रोज मरते हैं
24% दुनियाभर में 5 साल से कम उम्र में मरने वाले बच्चों में भारत का हिस्सा।
30% नवजात शिशुओं की मौत भारत में होती है।
भारत में भूख, कुपोषण की वजह
40% फल-सब्जियां और 20% अनाज खराब सप्लाई चेन के कारण बर्बाद हो जाता है और कंज्यूमर्स तक नहीं पहुंच पाता। बीपीएल परिवार खाने-पीने पर 70% रकम खर्च करते हैं।
एपीएल परिवारों की ओर से खाने-पीने पर खर्च होने वाली रकम 50% है।
शहरी वर्किंग क्लास 30% खाने-पीने पर खर्च करता है।
जीडीपी में खेती-बाड़ी का योगदान 2013 में 13.7% है।
भारत में कृषि क्षेत्र में 50% फीसदी लोग कार्यरत हैं।
वैश्विक आंकड़े
दुनिया के बेहद गरीब लोगों 64% हिस्सा सिर्फ 5 देशों में रहता है।
20,000 बच्चे दुनियाभर में भूख के कारण रोज मरते हैं।
80% लोग 10 डॉलर प्रतिदिन से कम पर गुजर-बसर करते हैं।
दुनिया में हर नौ में से एक आदमी रोज भूखे पेट सोने को मजबूर।
दुनिया के टॉप 85 अमीर लोगों की कुल संपत्ति 3.5 अरब सबसे गरीब लोगों यानी दुनिया की आधी आबादी की संपत्ति के बराबर।
80.5 करोड़ लोगों को दुनिया में भरपेट खाने को नहीं मिलता।
हर साल एड्स, मलेरिया और टीबी से कुल जितने लोग मरते हैं, उससे ज्यादा लोगों को भूख निगल जाती है।
79.1 करोड़ ऐसे लोग विकासशील देशों में हैं, जिन्हें भरपेट खाना नहीं मिलता।
13.5% विकासशील देशों की आबादी का वह हिस्सा है, जो कुपोषण का शिकार है।
52.6 करोड़ लोग एशिया में आधा पेट खाने को मजबूर।
45% दुनिया में 5 साल से कम उम्र के बच्चों का हिस्सा है, जिसकी कुपोषण से मौत होती है।
20% पांच साल से पहले अंडरवेट बच्चों की मौत के मामले।
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