ब्रह्माण्ड में हम जी रहे है ये न ही प्रथम है और न ही अंतिम .
- ब्रह्मा का 1 वर्ष :
ब्रह्मा के प्रत्येक वर्ष में 360 दिन होते है।
- ब्रह्मा का 1 दिन :
ब्रह्मा के 1 दिन में दिन +रात होते है . जिसे एक कल्प भी कहा जाता है ,
- ब्रह्मा केवल दिन में ही सृष्टी रचते है और रात्रि में उनके निद्राधीन होते ही ब्रह्माण्ड का अंत उंसी प्रकार होता है जैसे कोई सुन्दर स्वप्न टुटा हो .
- ब्रह्मा जी दिन समय में जो स्वप्न देखते है वह उनका स्वप्न आकाश है जो ब्रह्माण्ड है और अनंत है जिसमे सारा ब्रहमांड तथा चराचर जिव, हम मनुष्य आदि जीते है।
इसी कारण कहा गया है :- "ब्रह्म सत्य, जगह मिथ्या"
ब्रह्मा दिन में जो स्वप्न देखते है, हम उसी में जीते है और रात्रि में निद्राधीन होते ही ब्रह्मा (ब्रह्माण्ड) सुप्त अवस्था में चले जाते है . और अगले दिन पुनः उनका स्वप्न आरंभ होता है और ब्रहमांड उपस्थित हो जाता है .
- ब्रह्मा के एक दिन (एक कल्प) में 28 मन्वन्तर होते है . अर्थात दिन समय में 14 मन्वन्तर और 14 ही रात्रि में .
- ब्रह्मा का 1 मन्वन्तर :
ब्रह्मा के 1 मन्वन्तर में 71 महायुग होते है ।
- ब्रह्मा का १ महायुग :
ब्रह्मा के 1 महायुग में 4 युग होते है । क्रमश : सत्य(क्रेता) , त्रेता , द्वापर , कलि ।
- सत्य युग महायुग का 40 % भाग होता है
त्रेता युग महायुग का 30 % भाग होता है
द्वापर युग महायुग का 20 % भाग होता है
कलि युग महायुग का 10 % भाग होता है
- अभी हम ब्रह्मा के 51वे वर्ष के 1(पहले) दिन के 7 वे मन्वन्तर के 28 वे महायुग के 4थे युग (कलियुग) में है ।
- संक्षेप में :
ब्रह्मा की आयु : 100 वर्ष
1 वर्ष = 360 दिन
1 दिन = 1 कल्प =28 मन्वन्तर
1 मन्वन्तर = 71 महायुग
1 महायुग = 4 युग
- गणना : कलियुग की आयु जो बताई गई है वो है : 4,32,000 साल ।
- कलि युग = 4,32,000 साल
कलियुग महायुग का 10 % है अतः 1 महायुग कितना हुआ ?
1 महायुग का 10 % = 4,32,000
1 महायुग कुल = 4,32,000* (100 /10 )= 4,320,000 साल ।
- ब्रह्मा के 1 मन्वन्तर में 71 महायुग होते है ।
1 मन्वन्तर = 71 महायुग
ब्रह्मा के 1 पूर्ण दिन में 28 मन्वन्तर होते है, किन्तु हमें केवल दिन अर्थात 14 मन्वन्तर ही लेने है क्यू की रात्रि अर्थात महाविनाश ।
1 दिन = 14 *71 = 994 महायुग ।
- वेदों के अनुसार ब्रह्मा के प्रत्येक मन्वन्तर के मध्य 4 युगों का समय अंतराल होता है । अर्थात किसी मन्वन्तर के प्रारंभ होने से पूर्व तथा पश्चात ४ युगों का अंतराल ।
- ब्रह्मा के दिन के 14 मन्वन्तरों में अंतराल हुए = 15
प्रत्येक अंतराल = 4 युग
तो 14 मन्वन्तरों में कुल अंतराल = 15 *4 = 60 युग
60 युग = 60 /10 = 6 महायुग {चूँकि कलि युग महायुग का 10% भाग होता है }
- 1 दिन = 994 +6 = 1000 महायुग ।
1000* 4,320,000= 4 ,320 ,000 ,000 साल । {१ महायुग =4,320,000}
- ये सिर्फ ब्रह्मा के दिन का मान है अब इतना का इतना रात्रि के लिए और जोड़ने पर :
ब्रह्मा 1 एक पूर्ण दिन (दिन+रात)
= 4 ,320 ,000 ,000 +4 ,320 ,000 ,000 =8 ,640 ,000 ,000 साल (8 अरब 64 करोड़)
ये केवल ब्रह्मा का 1 दिन है ।
ब्रह्मा का 1 वर्ष = 360 दिन
ब्रह्मा के 100 वर्ष = 100*360 * 8 ,640 ,000 ,000
- हम अभी
"ब्रह्मा के 51वे वर्ष के 1(पहले) दिन के 7 वे मन्वन्तर के 28 वे महायुग के 4थे युग (कलियुग)"
में है ।
- जितना समय ब्रह्मा के जन्म का हो चूका है उतनी ही इस ब्रह्माण्ड की आयु हो चुकी है ।
अर्थात
ब्रह्मा के 51वे वर्ष के 1(पहले) दिन के 7 वे मन्वन्तर के 28वे महायुग के 3 (तीसरे) युग (द्वापरयुग) तक का समय बीत चूका है । और अभी चौथा (कलि) चल रहा है ।
- कलि के लगभग 5000 वर्ष भी बित चुके है । इन 5000 वर्षों को छोड़ भी दें तो कोई खास फर्क नही पड़ेगा ।
- ये ब्रह्माण्ड कितना पुराना है ?
4,320,000-4,32,000= 3888000 वर्ष, 28 वे महायुग के बीत चुके है ।
बिता हुआ समय = 27 महायुग + 3888000 वर्ष
उपरोक्त समय 7 वे मन्वन्तर का है । इससे पहले 6 मन्वन्तर पुरे बीत चुके है ।
6 मन्वन्तर = 426 महायुग {चूँकि 1 मन्वन्तर = 71 महायुग }
बिता हुआ समय = 426 महायुग +27 महायुग + 3888000 वर्ष।
वेदों के अनुसार ब्रह्मा के प्रत्येक मन्वन्तर के मध्य 4 युगों का समय अंतराल होता है ।
6 मन्वन्तरों में कुल अन्तराल = 6 * 4 = 24 युग
=2.4 महायुग {चूँकि कलि युग महायुग का 10 % भाग होता है}
बिता हुआ समय = 2.4 महायुग+426 महायुग +27 महायुग + 3888000 वर्ष।
यह ब्रह्मा के 51 वे वर्ष के 1 दिन तक की गणना है । इससे पीछे नही जाना क्यू की इससे पीछे रात्रि आ जायेगी , उससे भी पूर्व 360 वां दिन आ जायेगा, वो दिन इस दिन से भिन्न है अर्थात ब्रह्मा का वो स्वप्न इस स्वप्न से भिन्न है।
- इस ब्रह्माण्ड की कुल आयु = 2.4 महायुग+426 महायुग +27 महायुग + 3888000 वर्ष।
= 455.4 महायुग+ 3888000 वर्ष।
= 455.4 * 4,320,000 + 3888000 वर्ष {चूँकि 1 महायुग =4,320,000 }
=1972944000 वर्ष
इस कलि के 5000 वर्ष बित चुके है यदि उन्हें भी जोड़े तो ब्रह्माण्ड की कुल आयु =
1972944000 वर्ष + 5000
=1972949000 वर्ष !
- इस ब्रह्माण्ड का अंत कब ? :
ब्रह्मा के इस दिन के ख़तम होने में शेष समय =
2.8 महायुग+71*7 महायुग+43 महायुग+4,32,000 वर्ष
=471.8 महायुग+4,32,000 वर्ष
=471.8 *4,320,000 +4,32,000 वर्ष {चूँकि १ महायुग =4,320,000 }
=2038607000 वर्ष
इस कलियुग के लगभग 5000 वर्ष बीत चुके है, इसे घटाने पर :
2038607000 -5000 =2038602000 वर्ष
- अब एक प्रश्न ये भी उठता है की इस कलियुग के पश्चात अर्थात 4,32,000 वर्ष पश्चात प्रलय क्यू बताई जाती है ?
यह प्रलय नहीं बल्कि उसके समान ही एक महापरिवर्तन होगा । - पुराणो के अनुसार जैसे जैसे कलियुग प्रभावी (जवान) होगा वैसे वैसे समाज में गंदगी बढेगी । घोर कलियुग में एक भी अच्छा मनुष्य ढुंढने पर भी नही मिलेगा । गंदे काम खुल्लम खुल्ला होंगे । तब श्री विष्णु का अंतिम "कल्कि" अवतार होगा । कल्कि पुराण के अनुसार उनका जन्म शम्भल गाँव में होगा और पिता (एक ब्राह्मण) का नाम होगा विष्णु यश। शम्भल गाँव शायद मध्यप्रदेश में है अथवा होगा ।
और इसके साथ ही 29 वे महायुग का सत्य युग प्रारंभ होगा ।
- ब्रह्मा का 1 वर्ष :
ब्रह्मा के प्रत्येक वर्ष में 360 दिन होते है।
- ब्रह्मा का 1 दिन :
ब्रह्मा के 1 दिन में दिन +रात होते है . जिसे एक कल्प भी कहा जाता है ,
- ब्रह्मा केवल दिन में ही सृष्टी रचते है और रात्रि में उनके निद्राधीन होते ही ब्रह्माण्ड का अंत उंसी प्रकार होता है जैसे कोई सुन्दर स्वप्न टुटा हो .
- ब्रह्मा जी दिन समय में जो स्वप्न देखते है वह उनका स्वप्न आकाश है जो ब्रह्माण्ड है और अनंत है जिसमे सारा ब्रहमांड तथा चराचर जिव, हम मनुष्य आदि जीते है।
इसी कारण कहा गया है :- "ब्रह्म सत्य, जगह मिथ्या"
ब्रह्मा दिन में जो स्वप्न देखते है, हम उसी में जीते है और रात्रि में निद्राधीन होते ही ब्रह्मा (ब्रह्माण्ड) सुप्त अवस्था में चले जाते है . और अगले दिन पुनः उनका स्वप्न आरंभ होता है और ब्रहमांड उपस्थित हो जाता है .
- ब्रह्मा के एक दिन (एक कल्प) में 28 मन्वन्तर होते है . अर्थात दिन समय में 14 मन्वन्तर और 14 ही रात्रि में .
- ब्रह्मा का 1 मन्वन्तर :
ब्रह्मा के 1 मन्वन्तर में 71 महायुग होते है ।
- ब्रह्मा का १ महायुग :
ब्रह्मा के 1 महायुग में 4 युग होते है । क्रमश : सत्य(क्रेता) , त्रेता , द्वापर , कलि ।
- सत्य युग महायुग का 40 % भाग होता है
त्रेता युग महायुग का 30 % भाग होता है
द्वापर युग महायुग का 20 % भाग होता है
कलि युग महायुग का 10 % भाग होता है
- अभी हम ब्रह्मा के 51वे वर्ष के 1(पहले) दिन के 7 वे मन्वन्तर के 28 वे महायुग के 4थे युग (कलियुग) में है ।
- संक्षेप में :
ब्रह्मा की आयु : 100 वर्ष
1 वर्ष = 360 दिन
1 दिन = 1 कल्प =28 मन्वन्तर
1 मन्वन्तर = 71 महायुग
1 महायुग = 4 युग
- गणना : कलियुग की आयु जो बताई गई है वो है : 4,32,000 साल ।
- कलि युग = 4,32,000 साल
कलियुग महायुग का 10 % है अतः 1 महायुग कितना हुआ ?
1 महायुग का 10 % = 4,32,000
1 महायुग कुल = 4,32,000* (100 /10 )= 4,320,000 साल ।
- ब्रह्मा के 1 मन्वन्तर में 71 महायुग होते है ।
1 मन्वन्तर = 71 महायुग
ब्रह्मा के 1 पूर्ण दिन में 28 मन्वन्तर होते है, किन्तु हमें केवल दिन अर्थात 14 मन्वन्तर ही लेने है क्यू की रात्रि अर्थात महाविनाश ।
1 दिन = 14 *71 = 994 महायुग ।
- वेदों के अनुसार ब्रह्मा के प्रत्येक मन्वन्तर के मध्य 4 युगों का समय अंतराल होता है । अर्थात किसी मन्वन्तर के प्रारंभ होने से पूर्व तथा पश्चात ४ युगों का अंतराल ।
- ब्रह्मा के दिन के 14 मन्वन्तरों में अंतराल हुए = 15
प्रत्येक अंतराल = 4 युग
तो 14 मन्वन्तरों में कुल अंतराल = 15 *4 = 60 युग
60 युग = 60 /10 = 6 महायुग {चूँकि कलि युग महायुग का 10% भाग होता है }
- 1 दिन = 994 +6 = 1000 महायुग ।
1000* 4,320,000= 4 ,320 ,000 ,000 साल । {१ महायुग =4,320,000}
- ये सिर्फ ब्रह्मा के दिन का मान है अब इतना का इतना रात्रि के लिए और जोड़ने पर :
ब्रह्मा 1 एक पूर्ण दिन (दिन+रात)
= 4 ,320 ,000 ,000 +4 ,320 ,000 ,000 =8 ,640 ,000 ,000 साल (8 अरब 64 करोड़)
ये केवल ब्रह्मा का 1 दिन है ।
ब्रह्मा का 1 वर्ष = 360 दिन
ब्रह्मा के 100 वर्ष = 100*360 * 8 ,640 ,000 ,000
- हम अभी
"ब्रह्मा के 51वे वर्ष के 1(पहले) दिन के 7 वे मन्वन्तर के 28 वे महायुग के 4थे युग (कलियुग)"
में है ।
- जितना समय ब्रह्मा के जन्म का हो चूका है उतनी ही इस ब्रह्माण्ड की आयु हो चुकी है ।
अर्थात
ब्रह्मा के 51वे वर्ष के 1(पहले) दिन के 7 वे मन्वन्तर के 28वे महायुग के 3 (तीसरे) युग (द्वापरयुग) तक का समय बीत चूका है । और अभी चौथा (कलि) चल रहा है ।
- कलि के लगभग 5000 वर्ष भी बित चुके है । इन 5000 वर्षों को छोड़ भी दें तो कोई खास फर्क नही पड़ेगा ।
- ये ब्रह्माण्ड कितना पुराना है ?
4,320,000-4,32,000= 3888000 वर्ष, 28 वे महायुग के बीत चुके है ।
बिता हुआ समय = 27 महायुग + 3888000 वर्ष
उपरोक्त समय 7 वे मन्वन्तर का है । इससे पहले 6 मन्वन्तर पुरे बीत चुके है ।
6 मन्वन्तर = 426 महायुग {चूँकि 1 मन्वन्तर = 71 महायुग }
बिता हुआ समय = 426 महायुग +27 महायुग + 3888000 वर्ष।
वेदों के अनुसार ब्रह्मा के प्रत्येक मन्वन्तर के मध्य 4 युगों का समय अंतराल होता है ।
6 मन्वन्तरों में कुल अन्तराल = 6 * 4 = 24 युग
=2.4 महायुग {चूँकि कलि युग महायुग का 10 % भाग होता है}
बिता हुआ समय = 2.4 महायुग+426 महायुग +27 महायुग + 3888000 वर्ष।
यह ब्रह्मा के 51 वे वर्ष के 1 दिन तक की गणना है । इससे पीछे नही जाना क्यू की इससे पीछे रात्रि आ जायेगी , उससे भी पूर्व 360 वां दिन आ जायेगा, वो दिन इस दिन से भिन्न है अर्थात ब्रह्मा का वो स्वप्न इस स्वप्न से भिन्न है।
- इस ब्रह्माण्ड की कुल आयु = 2.4 महायुग+426 महायुग +27 महायुग + 3888000 वर्ष।
= 455.4 महायुग+ 3888000 वर्ष।
= 455.4 * 4,320,000 + 3888000 वर्ष {चूँकि 1 महायुग =4,320,000 }
=1972944000 वर्ष
इस कलि के 5000 वर्ष बित चुके है यदि उन्हें भी जोड़े तो ब्रह्माण्ड की कुल आयु =
1972944000 वर्ष + 5000
=1972949000 वर्ष !
- इस ब्रह्माण्ड का अंत कब ? :
ब्रह्मा के इस दिन के ख़तम होने में शेष समय =
2.8 महायुग+71*7 महायुग+43 महायुग+4,32,000 वर्ष
=471.8 महायुग+4,32,000 वर्ष
=471.8 *4,320,000 +4,32,000 वर्ष {चूँकि १ महायुग =4,320,000 }
=2038607000 वर्ष
इस कलियुग के लगभग 5000 वर्ष बीत चुके है, इसे घटाने पर :
2038607000 -5000 =2038602000 वर्ष
- अब एक प्रश्न ये भी उठता है की इस कलियुग के पश्चात अर्थात 4,32,000 वर्ष पश्चात प्रलय क्यू बताई जाती है ?
यह प्रलय नहीं बल्कि उसके समान ही एक महापरिवर्तन होगा । - पुराणो के अनुसार जैसे जैसे कलियुग प्रभावी (जवान) होगा वैसे वैसे समाज में गंदगी बढेगी । घोर कलियुग में एक भी अच्छा मनुष्य ढुंढने पर भी नही मिलेगा । गंदे काम खुल्लम खुल्ला होंगे । तब श्री विष्णु का अंतिम "कल्कि" अवतार होगा । कल्कि पुराण के अनुसार उनका जन्म शम्भल गाँव में होगा और पिता (एक ब्राह्मण) का नाम होगा विष्णु यश। शम्भल गाँव शायद मध्यप्रदेश में है अथवा होगा ।
और इसके साथ ही 29 वे महायुग का सत्य युग प्रारंभ होगा ।
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